वन विभाग के ठेकेदारों में गैंगवॉर, लेनदेन को लेकर आपस में भिड़ गए चार पार्टनर, तीन मिलकर एक को लगा रहे थे चुना, लाखों का है लेनदेन

बिलासपुर। DFO कार्यालय परिसर में पिछले दिनों चार ठेकेदारों के बीच मारपीट हुई थी। मामला सतही तौर पर ठेका हथियाने का लग रहा है जबकि वास्तविक मामला लाखों के लेनदेन का है। इस मामले में तीन पार्टनर मिलकर चौथे को लाखों का चूना लगा चुके है। चारों मिलकर वन विभाग में करोड़ों के काम कर चुके है।

वन विभाग के ठेकेदारों के बीच मारपीट का मामला पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला ठेका हथियाने को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है जबकि पूरा मामला आपसी लेनदेन का है। तीन ठेकेदार मिलकर अपने ही चौथे पार्टनर को लगातार चुना लगा रहे थे। जब पानी सर से उपर जाने लगा तो विवाद मारपीट में बदल गया। दर असल अनुज मिश्रा, गौतम शर्मा, मनीष सहगल और राकेश झा चारों मिलकर वन विभाग समेत दूसरे विभाग में ठेकेदारी का काम करते थे। चारो पार्टनर मिलकर वन विभाग में करोड़ों के काम किए। विभागीय जानकारों की माने तो एक करोड़ रुपए से अधिक का काम ATR में, एक करोड़ रुपए से ज्यादा का काम डिविजन ऑफिस में और करोड़ रुपए से ज्यादा का काम सामाजिक वानिकी में काम किया। लेकिन हर ठेके में नुकसान होने की बात करके गौतम, राकेश और मनीष मिलकर अनुज मिश्रा को कुछ नही दे रहे थे। अनुज हर बार उनकी बातों में आकर खामोश रहता। लेकिन बाद में उसे शक होने लगा। जब हिसाब करने की बारी आई तो विवाद शुरू हो गया। चारो पार्टनर के बीच लेनदेन को लेकर विवाद पिछले सात_आठ महीने से चल रही थी। बताया जा रहा है की काम और भुगतान के बाद चारों पार्टनर के बीच 40 _ 40 लाख रुपए का बंटवारा होना था। लेकिन तीन पार्टनर अनुज को एक रुपिया देने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है की पहले चारो के बीच अरपा पार मारपीट हुई, इसके बाद DFO कार्यालय में मारपीट हुई। हालांकि दोनो पक्षों की ओर से थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दिया है। लेकिन इस मामले में तीन पार्टनर पुलिस से मिलकर अनुज को गिरफ्तार करने की योजना बना रहे है।

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