हाथी शावक को दे दी जाय दया मृत्यु, यह जीव हत्या नहीं जीव दया होगी, किसने मांगा पढ़े खबर….

रायपुर। शावक हाथी की रीढ़ की हड्डी टूटने और लकवा मारने के बाद उसके स्वस्थ होने संभावना खत्म हो गई। यही कारण है वन्य जीव प्रेमियों की और से उसको दया मृत्यु देने की मांग उठ गई है। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से पत्राचार भी किया गया है।
छत्तीसगढ़ के जशपुर के कुनकुरी रेंज में विगत 29-30 नवम्बर को गड्ढे में गिरने से 5 वर्षीय हाथी शावक की रीड की हड्डी टूटने और पीछे के दोनों पांवों में लकवा मारने के कारण उसे कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए रायपुर के नितिन सिंघवी ने मुख्य वन्य जीव संरक्षक सह प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) को हाथी शावक को दया मृत्यु (Euthanasia-Good Death) देने पत्र के लिए पत्र लिखा है।
सिंघवी ने बताया कि वन विभाग हाथी शावक के स्वस्थ की जानकारी छुपा रहा है, परन्तु उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार हाथी शावक की रीड की हड्डी टूटने से वह अब कभी भी ठीक नहीं हो सकेगा। हाथी शावक को घाव (Bed Sores) होने लग गए है, जिससे शावक के शरीर में अगले दो-तीन दिनों में ही कीड़े (Maggots) पैदा हो जायेंगे, इससे मूक प्राणी को असहनीय दर्द होगा। कीड़े पैदा होने के बाद धीरे धीरे सेप्टिसीमिया अर्थात रक्त विषाक्तता (ब्लड पॉइजनिंग) विकसित हो जाएगी-यह तेजी से फैलने वाला ब्लड इनफेक्शन होता है। इसके बाद शावक के शरीर के कई अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देंगे, जिससे हाथी शावक की मौत तड़प-तड़प कर होगी।

00 तीन दिन पहले लिखा पत्र
सिंघवी ने आरोप लगाया कि हाथी शावक को दया मृत्यु के लिए 06 नवम्बर को मुख्य वन्य जीव संरक्षक पत्र ईमेल किया गया, पत्र व्हाट्सहेप पर भी भेजा गया, परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्र पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है, जो बताता है कि वन विभाग के अधिकारी कितने असंवेदनशील है। कुछ वर्ष पूर्व भी कवर्धा में एक अन्य हाथी शावक के साथ भी ऐसा ही हुआ था तब बहार से भी वेटनरी डॉक्टर बुलवाए गए थे, इलाज के नाम से शावक को बहुत कष्ट दिया गया परन्तु शावक की दर्दनाक मौत तड़प-तड़प कर हुई।

00 मुख्य वन्य जीव संरक्षक को है अधिकार
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11 प्रावधानित करती है कि यदि अनुसूची-1 में विनिर्दिष्ट कोई वन्यप्राणी नि:शक्त या रोगी हो जो कि ठीक नहीं हो सकता तो उसे दया मृत्यु दी जा सकती है। यह अधिकार मुख्य वन्य जीव संरक्षक को प्राप्त है। हाथी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 1 में दर्ज वन्यजीव है।

00 पीपल फॉर एनिमल ने किया समर्थन
पीपल फॉर एनिमल रायपुर की संचालिका कस्तूरी बल्लाल ने हाथी शावक को दया मृत्यु दिए जाने के सुझाव का समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि जब यह निश्चित हो जाता है कि वन्यजीव को बचाया नहीं जा सकेगा और वह कष्ट पूर्ण तरीके से मरेगा तो पूरे विश्व में ऐसे जीवों को यूथिनिसिया प्रोसीजर किया जाता है।

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