बिलासपुर। जिले के 6 विधानसभा सीट में बिल्हा एक ऐसी सीट है जहां पिछले कुछ चुनाव से जनता बारी बारी से भाजपा कांग्रेस दोनो पार्टियों को अवसर देती आ रही है। यदि ये परंपरा जारी रहा तो इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को खतरा है और कांग्रेस प्रत्याशी के जितने के आसार ज्यादा दिखाई दे रहे है। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या धरम लाल कौशिक परंपरा को तोड़ पाएंगे ? वो भी तब जब प्रदेश में भूपेश बघेल के काम और लीडरशिप को जनता हाथोंहाथ पसंद कर रहे हो ?
बिल्हा में हर चुनाव की तरह इस बार भी दो परंपरागत प्रतिद्वंदी आमने – सामने है। भाजपा ने जहां वर्तमान विधायक धरम लाल कौशिक को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने सियाराम कौशिक को चुनाव मैदान में उतारा है। इस क्षेत्र की जनता 1998 से जितने भी चुनाव हुए बारी बारी से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को जीतते रहे है। यदि यही ट्रेंड बरकरार रहा तो अबकी बार कांग्रेस के जितने की संभावना है। इस चुनाव वर्तमान सरकार के कामकाज को लेकर जनता के बीच नाराजगी नहीं है। बल्कि धान खरीदी और कर्जा माफी के कारण ग्रामीण जनता कांग्रेस के पक्ष में ही नजर आ रही है। फिलहाल बिल्हा विधानसभा में कुल 305982 मतदाता अपना विधायक चुनने के लिए शुक्रवार को मतदान करेंगे। इनमें से 1 लाख 51 हजार 943 महिला और 1 लाख 54 हजार 027 पुरुष मतदाता हैं। जबकि 8905 युवा मतदाता हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। वहां बड़ी संख्या में हरिजन और आदिवासी वोटर्स बड़ी मौजूद है। यह ओबीसी बाहुल विधानसभा है। इसमें करीब 45 फीसदी ओबीसी वर्ग के वोटर्स हैं। जिसमें कुर्मी, साहू, लोधी और यादव शामिल हैं। वहीं, करीब 25 फीसदी हरिजन व आदिवासी वोटर हैं। वहां सिंधी वोटर भी निर्णायक भूमिका में है।
00 राजनीतिक इतिहास
1962 से 1985 तक लगातार कांग्रेस के चित्रकांत जायसवाल यहां से चुनाव जीतते रहे। 1990 में अशोक राव ने कांग्रेस से बगावत की और जनता दल की टिकट पर चुनाव लडा और पहली बार कांग्रेस के चित्रकांत जायसवाल को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 1993 में अशोक राव दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए और बीजेपी के धरमलाल कौशिक को हराया। 1998 में पहली बार यहां से धरमलाल कौशिक ने बतौर भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। लेकिन 2003 में उन्हें कांग्रेस के सियाराम कौशिक ने मात दे दी।
2008 में धरमलाल कौशिक ने सियाराम कौशिक को फिर से हराकर चुनाव जीता। इसके बाद 2013 में एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी सियाराम कौशिक को हराकर धरम लाल कौशिक चुनाव जीता और विधानसभा अध्यक्ष बने। 2018 के चुनाव में समीकरण बदला। कांग्रेस का दामन छोड़कर सियाराम कौशिक जोगी कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे, तब कांग्रेस ने राजेंद्र शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाया। त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के धरमलाल कौशिक ने एक बार फिर से जीत दर्ज की। बीजेपी के धरमलाल कौशिक को 84,431 वोट मिले जबकि कांग्रेस के राजेंद्र शुक्ला को 57,907 वोट मिले। जबकि जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी सियाराम कौशिक को करीब 31 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
Author Profile

Latest entries
छत्तीसगढ़December 2, 2023रावलमल जैन दंपत्ति हत्याकांड, फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला, सह आरोपी दोषमुक्त, बेटे ने की थी हत्या
छत्तीसगढ़December 1, 2023देशी शराब में कचरा और कीड़ा, दो फैक्ट्रियों से आई 7189 पेटी शराब जप्त, नष्ट करने के निर्देश, 3 करोड़ का जुर्माना भी
बिलासपुरDecember 1, 2023किसानों की पर्ची में धान खपा रहा था बिचौलिया, 225 कट्टा धान जब्त, किस खरीदी केंद्र चल रहा था गोरखधंधा जानने के लिए पढ़े खबर…
बिलासपुरDecember 1, 2023हाईकोर्ट ने SP और TI पर की तल्ख टिप्पणी, कहा – थानेदार को नौकरी करना है की नही ?