शराब घोटाला : ED के बाद ACB और EOW का प्रदेशभर में छापा, AP त्रिपाठी बिहार से गिरफ्तार

रायपुर। ACB और EOW ने शराब घोटाले से जुड़े दर्जनभर से अधिक लोगों के घर और दफ्तर में दबिश दी है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर सहित 20 से 22 जगहों पर एक साथ कार्रवाई चल रही है। आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी को भी बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया है। त्रिपाठी पूर्व विशेष सचिव हैं।

आबकारी विभाग के ढाई हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले को लेकर प्रदेश के कई जगहों पर छापेमारी की है। गुरुवार की सुबह अफसरों की टीम ने एक साथ घोटाले से जुड़े लोगों के यहां दबिश दी और जांच शुर कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो करीबी शराब कारोबारियों पप्पू बंसल और विजय भाटिया के यहां ACB की टीम जांच कर रही है। पप्पू बंसल न्यू खुर्शीपार में रहते हैं और विजय भाटिया का बंगला नेहरू नगर पूर्व में है। दोनों जगह छापे की कार्रवाई जारी है। बताया जा रहा है कि ACB की इस रेड की भी खबर लीक हो चुकी थी। क्योंकि पप्पू बंसल कल रात 9 बजे तक भिलाई में था। इसके बाद अचानक लापता हो गया है। जब ACB की टीम छापेमारी करने पहुंची तो वो घर पर नहीं मिला। जबकि विजय भाटिया छापेमारी के दौरान घर पर मौजूद है। ACB टीम ने रायपुर निवासी अतुल सिन्हा FL10 A शराब लायसेंसधारी के स्मृतिनागर स्थित घर में भी दबिश दी है। इसके अलावा अतुल सिन्हा के CA संजय मिश्रा के बिलासपुर स्थित घर पर भी पहुंचे है। टीम संजय मिश्रा के पूछताछ कर रही है। बिलासपुर में भी चार जगहों पर दबिश दी है।दरअसल ACB-EOW ने केस दर्ज करने के बाद करीब दो महीने पहले ​​​​बिलासपुर के ​​​सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी और कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी, दुर्ग के कुम्हारी स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर में अनवर ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड समेत रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा के ठिकानों पर जांच की थी। माना जा रहा है कि उस कार्रवाई में मिले इनपुट के आधार पर टीम आगे की कार्रवाई कर रही है। ईओडब्ल्यू ने जिनके यहां छापा मारे हैं, उनमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, पूर्व आईएएस निरंदास दास, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, सरकारी शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी, आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धार्थ सिंघानिया, अनवर ढेबर और नोएडा में विधु गुप्ता आदि शामिल हैं।

00 जनवरी में दर्ज हुई थी FIR

एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किये थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस ऑफिसर हैं, जब घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।

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