भाजपा ने अपने 5 पार्षदों को पार्टी से किया निष्कासित, नगरपालिका चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ वोट डालना पड़ा महंगा

बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी ने मुंगेली में अपने 5 पार्षदों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा एक पार्षद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन सभी पार्षदों पर नगरपालिका चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ वोटिंग करने का आरोप है।

गौरतलब है कि मुंगेली के परमहंस वार्ड में नाली निर्माण के नाम पर 13 लाख रुपए के घोटाले में पूर्व अध्यक्ष संतू लाल सोनकर का नाम आने के बाद उन्हें नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। 5 जनवरी को नए नगर पालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। मुंगेली में 22 सदस्यीय नगरपालिका परिषद में भाजपा पार्षदों की संख्या 11 थी। जबकि कांग्रेस के पास 10 पार्षद थे और उन्हें एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन हासिल था। संतू लाल सोनकर के जेल जाने के बाद 5 जनवरी 2022 को हुए चुनाव में 21 पार्षदों ने मतदान किया। यहां कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी के मुकाबले भाजपा की गायत्री देवांगन 8 वोटों से हार गई। कांग्रेस प्रत्याशी को 13 वोट मिले जबकि गायत्री देवांगन के खाते में सिर्फ 5 ही वोट आये थे। जबकि भाजपा पार्षदों की संख्या 10 थी। इस चुनाव में 3 वोट निरस्त हुए थे। इस तरह हेमेंद्र गोस्वामी 8 वोटों से जीत गए थे। इस हार के बाद पहली बार भाजपा पार्षदों पर बिकने के आरोप लगे। पूरे मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया था, जिसकी अनुशंसा पर नगरपालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्हाह, संतोषी मोना नागरे, मोतिमबाई सोनकर और मोहित कुमार बंजारा को पार्टी ने अनुशासनहीनता का दोषी पाते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है, तो एक और पार्षद अमितेश आर्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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