ED से छीनकर सट्टा एप की जांच CBI को सौंपा गया, अब IPS अधिकारी भी आएंगे जांच के दायरे में, ED के चलान से गायब हो गए थे नाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा एप की जांच का जिम्मा ED से छीनकर CBI को सौंप दिया गया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के कई नेता, व्यापारी, यूवा और पुलिस विभाग के छोटे – बड़े अधिकारी शामिल है। कई बैंक के बड़े अधिकारी भी खेल में शामिल है। माना जा रहा है की अब जांच पहले की तुलना में ज्यादा पारदर्शी और तेज गति से होगी।

महादेव सट्टा ऐप मामले को लेकर छत्‍तीसगढ़ से बड़ी खबर है। सरकार ने महादेव सट्टा ऐप का मामला सीबीआई को सौंप दिया है। CBI ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। महादेव सट्टा ऐप को लेकर कुल 70 केस दर्ज हैं। ED ने 16 महीनों की जांच में 6,000 करोड़ रुपए से अधिक की काली कमाई का खुलासा किया है। अब इन सारे प्रकरणों को सीबीआई को सौंपा गया है। ED ने पिछले महीने कोर्ट में अपना चलान पेश किया था। लेकिन इस चलान में उन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम नही थे जिनके नाम पर FIR किया गया था। इसके बाद से ED की जांच संदेह के दायरे में आ गई थी। अब इस मामले की जांच CBI करने वाली है तो लोग उम्मीद कर सकते है की सत्ता एप ई संचालन में शामिल पुलिस अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा और उनसे भाई पूछताछ की जाएगी।

आपको बता दें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। पहली बार दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया गया था। इन्हीं प्रकरणों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था। रायपुर में जनवरी 2024 से अब तक 80 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेशभर में यह आंकड़ा करीब 600 से अधिक है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में भी पुलिस ने एफआइआर दर्ज करके कार्रवाई की है। ईडी ने पहली गिरफ्तारी अगस्त 2023 में की थी। चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इसे मनी लांड्रिंग से जोड़ा था। अक्टूबर 2023 में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। इनमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से पूछताछ हुई थी।
ईडी ने नवंबर 2023 में एक कथित कैश कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। दास और एक अन्य आरोपी कांस्टेबल भीम सिंह यादव भी गिरफ्तार हुआ था। उनके पास से करोड़ों की नगद राशि भी बरामद हुई थी। इसमें बताया गया था कि यह पैसा दुबई से रायपुर लाया जा रहा था। एक प्रमोटर ने वीडियो प्रसारित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल पर लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप भी लगाया था। नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था। साय सरकार में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भूपेश को नामजद आरोपित बनाया है।

00 क्या है ऑनलाइन महादेव सट्टा एप
विशेषज्ञों के मुताबिक ऑनलाइन महादेव सट्टा एप सट्टेबाजों के लिए ऑनलाइन दांव लगाने वालों को प्लेटफार्म देता है। इसमें आनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबाॅल जैसे कई लाइव गेमों में अवैध सट्टेबाजी के लिए सुविधा उपलब्ध कराती है। कई कार्ड गेम जैसे तीन पत्ती, पोकर, ड्रैगन टाइगर, कार्ड का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम आदि, यहां तक ये कुछ अन्य एप का इस्तेमाल करके सट्टेबाज दांव लगाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *