कलेक्टर ने कहा जतिया तालाब को पानी से भरो, नगर निगम ने नाली का रुख मोड़कर सीवरेज का पानी भर दिया

बिलासपुर। नगर निगम के अधिकारी जतिया तालाब में सीवरेज का पानी भरके पूरे इलाके में दुर्गंध फैला दिया है। कलेक्टर ने तालाब में पानी भरने के लिए क्या कह दिया अधिकारियों ने नाली का बहाव मोड़कर तालाब को गंदे और बदबूदार पानी से भर दिया है। अब आसपास के रहवासियों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है।

नगर निगम के अधिकारी शहर के विकास को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाजा जतिया तालाब को देखकर लगाया जा सकता है। सौंदर्यीकरण पर करोड़ो खर्च करने के बाद भी घूरे जैसी स्थिति बनी हुई है। अब नया मामला सामने आया है जिसे जानकार शहर वालों गुस्सा तो आएगा ही आप सबको निगम अधिकारियों की खाल उतारने का मन होगा। दरअसल दो दिन पहले कलेक्टर अवनीश शरण, पुलिस कप्तान रजनेश सिंह और कमिश्नर अमित कुमार के साथ रात में जतिया तालाब गए थे। वहां की दुर्गति देखकर सब सिर पीट लिए। लौटते समय कहा कि तालाब को पानी से भरो। उनके निर्देश पर नगर निगम के अधिकारियों ने सुबह कर्मचारी लगाए और नाली का रुख बदलकर तालाब की ओर घूमा दिया। अब पिछले 48 घंटे से नाली का पानी तालाब में भर रहा है। मतलब घरों से मलमूत्र और नहाने के बाद जो पानी नाली में आ रहा है उसी से तालाब को भर रहे है। जबकि तालाब के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है। यदि नाली का ही पानी तालाब में भरना था तो कम से कम पानी को ट्रीटमेंट कर लेते। लेकिन आसपास के लोगों का कहना है कि वाटर ट्रीटमेंट लगा जरूर है लेकिन वह काम नहीं करता। जब से लोकार्पण हुआ है कभी चालू ही नहीं किया गया है। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे है। मामले में निगम कमिश्नर अमित कुमार ने कहा कि जांच कराएंगे। यदि ऐसा कुछ पाया गया तो दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। जानकारी देते चलें कि पानी ट्रीटमेन्ट के लिए लगाया 2 करोड़ का प्लान्ट यानी एसटीपी स्थापना के बाद से आज तक बिगड़ा हुआ है।

00 ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लेकिन बन्द : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जतिया तालाब में करोड़ो रुपए खर्च करके सौंदर्यीकरण किया गया था। लेकिन निगम प्रशासन के निकम्मेपन ने पूरे सौंदर्यीकरण का सत्यानाश कर दिया है। इसके सौंदर्यीकरण में करीब पांच करो़ड़ रूपये खर्च किए गए थे और लोकार्पण के समय यहां की सुंदरता को देखकर लोगों की आँखें चौंधिया गई थी।  तालाब के किनारे दो करोड़ रुपए की लागत से सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किया गया था। लेकिन उद्घाटन के समय से लेकर आज तक सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट यानी एसटीपी ने एक लीटर पानी भी साफ नहीं किया है।

00 जतिया तालाब संवेदनशील : जतिया तालाब के आसपास का पूरा क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। इसके आसपास बसी झुग्गी बस्तियों में जमकर नशे की सामग्री बेची जाती है। इसके अलावा यहां अपराध का गढ़ भी बना हुआ है। जिला समेत निगम और पुलिस प्रशासन के लिए भी जतिया तालाब के आसपास का पूरा क्षेत्र बेहद संवेदनशील है।

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