नरेंद्र कौशिक आत्महत्या का मामला : कोयला कारोबारी राजेश कोटवानी, देवेंद्र उपवेजा, सूरज प्रधान और संजय भट्ट गिरफ्तार, पार्टनर को दिया धोखा, 33 करोड़ की गड़बड़ी

मुंगेली। कोल डिपो संचालक नरेंद्र कौशिक आत्महत्या मामले में मुंगेली पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपियों ने मृतक को 33 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं दिया। डिपो से लाखों रुपए का कोयला और लोडर को भी गायब कर दिया था। जिसके कारण वह कर्ज में डूब गया और आत्महत्या कर ली।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोल डिपो संचालक नरेंद्र कौशिक 26 नवंबर 2024 को जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने मुंशी और पार्टनर पर धोखा देने और कर्जदार बनाने का आरोप लगाया था। कौशिक सरगांव में अमीषा ट्रेडर्स के नाम से एक कोल डिपो चलाता था और ट्रांसपोर्टिंग का भी काम करता था। मृतक नरेंद्र कौशिक अपने साथी कारोबारी संजय भट्ट और राजेश कोटवानी के नाम पर मुख्तियारनामा देकर देवेन्द्र उपवेजा और सूरज प्रथान के साथ मिलकर व्यवसाय करते थे।
जांच में पाया गया कि देवेन्द्र उपवेजा और राजेश कोटवानी अमिषा ट्रेडर्स के नाम पर खरीदी, बिक्री, आय-व्यय का पूरा कामकाज देखते थे। वर्ष 2022-23 में उन्होंने कोयला बिक्री 43 करोड़ रुपये बताया था। जबकि वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा केवल 10 करोड़ रुपये रहा। मृतक की अनुपस्थिति में इन मुख्तियार ग्रहताओं और साथियों ने बिना सूचना के डिपो में रखा पूरा कोयला और दो लोडर को गायब कर दिए। इसके साथ ही मृतक को व्यवसाय के सही हिसाब-किताब भी नहीं दिया। जिससे कौशिक को लगभग 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और वह कर्ज में डूब गया। इसी से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस मामले में चारों आरोपियों की तलाश की जा रही थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। पुलिस ने आरोपियों के खाते, दस्तावेज, मृतक के फर्म के संचालन की गतिविधि, आर्थिक लेनदेन और दो लोडर जब्त किए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजेश कोटवानी (48 वर्ष), देवेन्द्र सिंह उपवेजा (54 वर्ष), सूरज प्रधान (34 वर्ष) और संजय भट्ट (53 वर्ष) के रूप में हुई है। सभी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज गया है।

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