रायगढ़। गुरुवार को करीब 11-12 बजे थाना प्रभारी कापू उप निरीक्षक ए.के. बेक को सूचना मिली कि ग्राम धवईडांड, चाल्हा के निकट फांदापाली जंगल में वृद्ध महिला समेत एक ही परिवार के तीन लोगों का शव उनके झाला (लकड़ी, पत्तों से बना झोपड़ी) के बाहर पड़ा है। थाना प्रभारी कापू ने तत्काल इसकी जानकारी एसपी, एएसपी एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ को दी और स्टाफ के साथ मौके के लिये रवाना हुये। घटनास्थल पर ग्राम धवईडांड महिला दुहनीबाई (65 साल), उसके बेटे अमृत लाल (24 साल) और उसकी नतनी अमृता बाई (13 साल) का शव पड़ा हुआ था। उनके सिर एवं शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे। प्रथम दृष्टया हत्या का मामला प्रतीत होने पर तत्काल मर्ग जांच करते हुए हत्या का मामला दर्ज किया गया। जांच के क्रम में मृतकों के वारिशानों एवं गांव के लोगों से पूछताछ प्रांरभ किया गया ।
एक तरफ एसपी श्री अभिषेक मीना द्वारा आवश्यक जिले की सीमाओं की नाकेबंदी का पाइंट देते हुए एफएसएल, फिंगर प्रिंट की टीम तथा डॉग स्क्वॉड के साथ एसडीओपी धरमजयगढ़ एवं थाना प्रभारी घरघोडा को रवाना होने के निर्देश देते हुए स्वयं भी घटनास्थल पहुंचे। वहां औजूद अधिकारियों को जांच के संबंध में कई महत्वपूर्ण दिशाओं में सूक्ष्मता से जांच करने का निर्देश दिया। जांच टीम प्रारंभिक पूछताछ में फूलसाय और उसकी पत्नी टुनी बाई से पृथक-पृथक पूछताछ की गई तब उनके द्वारा गोल मोल जवाब देने पर संदेह हुआ तब पुलिस की एक टीम उनके गांव चाल्हा पहुंचे। जहां फूलसाय का बेटा विकेश अगरिया और विकेश की पत्नी कौशल्या अगरिया मिले। दोनों पति-पत्नी से पूछताछ करने पर घटना का सच सामने आ गया।
आरोपी विकेश अगरिया पुलिस को बताया कि पिछले 5-6 साल से धवईडांड के फांदापाली जंगल में अपने मामा सुखसाय के खेत के पास महुआ बिनते आ रहे हैं। बगल में मामा अमृतलाल अगरिया (मृतक) का भी खेत लगा हुआ है। वहां अमृतलाल अगरिया अपनी मां दुहनीबाई तथा कु. अमृता बाई के साथ इस साल झाला लगाकर रुके हुए थे। सुखसाय जो अमृतलाल का बडा साला है, सुकसाय अपनी बहन टुनी बाई और उसके पति फुलसाय के परिवार को अपने हिस्से की जमीन के आसपास उपयोग करने बोला था। इसके कारण पहले भी अमृत लाल के परिवार के साथ विवाद हुआ था और नानी दुहनीबाई पर शंका था कि कुछ जादू टोना करती है जिसके कारण पत्नी कौशल्या को बच्चा नहीं हो रहा है और मेरा भी हमेशा तबीयत खराब रहता था, चक्कर आता था। बुधवार को रात करीब 6-7 बजे अपने पिता फुलसाय, मां टुनी बाई और पत्नी कौशल्या के साथ झाला में बैठकर खाना सब्जी बना रहे थे। उसी समय नानी दुहनीबाई अपनी पोती अमृता को लेकर झाला में घूमने आई। सब लोग बैठकर घरेलू बातचीत कर रहे थे। तभी नानी दुहनीबाई बोली की बहू कौशल्या का बच्चा कैसे नहीं हो रहा है। इस पर नानी को गुस्सा आ गया और तुम्हारे कारण बाल बच्चे नहीं हो रहे हैं कहकर गुस्से में आकर पास रखें टांगी के पासा (टांगी के पीछे का हिस्सा) से नानी दुहनीबाई के सिर में 3-4 बार मारा और उसकी नतनी अमृता बाई को भी टांगी के पास 4-5 बार मारा। दोनों वहीं मर गए जिसके बाद पिताजी फुलसाय के साथ अमृतलाल अगरिया के झाला में गया। जहां अमृतलाल अगरिया महुआ पीकर लेटा था। सोते हालत में उसे टांगी के पासा से 3-4 बार मारा। पिताजी फुलसाय लकड़ी के डंडे से अमृतलाल के छाती में मारा जिससे तत्काल उसकी मृत्यु हो गई। उसके तुरंत बाद अपने पिताजी मां और पत्नी के साथ मिलकर अमृतलाल, दुहनीबाई, अमृता के शव को उनके झाला के बाहर ले जाकर लेटा दिए और अमृता के सिर पर वही चूल्हा के पास पड़े पत्थर रख दिए और सब वापस झाला आ गए। मां टुनी बाई और पत्नी कौशल्या हमारे खून लगा कपड़ा और खून लगा चटाई को चूल्हा में जला दिए तथा टांगी को बोर के पास कीचड़ में छुपा कर रख दिया। पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल से महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य एवं आरोपियो से घटना में प्रयुक्त तटांगी, डंडा और पत्थर जब्त किया गया है।
00 गिरफ्तार आरोपी-
(1) विकेश अगरिया पिता फुलसाय 21 वर्ष (2) फुलसाय अगरिया पिता जगर साय 50 वर्ष (3) टुनी बाई अगरिया 46 वर्ष (4) कौशल्या अगरिया पति विकेश उम्र 19 वर्ष सभी ग्राम चाल्हा थाना कापू जिला रायगढ़।
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