4 कैदियों को लेकर 3 प्रहरी गए लकड़ी काटने जंगल, किसी भी कैदी के हाथ में हथकड़ी नहीं, जिम्मेदार कौन ?

जांजगीर। जांजगीर जिले के शक्ति उपजेल में कैदियों की सुरक्षा को ताक में रखने का मामला सामने आया है। लकड़ी कटवाने के नाम पर कैदियों को बिना हथकड़ी वैन से चंद पुलिसकर्मियों के साथ जेल से बाहर भेज दिया गया था। चंद जवानों के साथ चार कैदी वैन में बैठ जेल से कई किलोमीटर दूर लकड़ी काटने पहुँचे थे। इस घटना का वीडियो भी किसी ने रिकार्ड कर लिया।


मिली जानकारी के अनुसार जांजगीर जिले के शक्ति उपजेल प्रभारी सतीश भार्गव के आदेश से कैदियो को बाहर निकालने की बात सामने आई है। 27 मई को जेल के चार कैदियो को लेकर तीन जेल प्रहरी जेल से बाहर निकले। कैदियो को सफेद वेन में लेकर जेल प्रहरी जेल से कई किलोमीटर दूर लकड़ी कटवाने के लिए लेकर गए। बताया जा रहा है कि जेल में खाना बनवाने के लिए जलाऊ लकड़ी के इंतजाम में इन कैदियो को भेजा गया था। जहां कैदी लकड़ी काट कर जेल प्रशासन के लिए जलाने के लिए लकड़ी उपलब्ध करवाते।
जब कैदियो को जेल से निकाला गया तब इनके हाथो में हथकड़ी नही लगाई गई थी। साथ ही चार कैदियो की सुरक्षा के लिए तीन जेल प्रहरी ही वीडियो में दिखाई दे रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि कैदी बाहर ले जाने के दौरान भाग जाते या इनकी सुरक्षा सम्बंधी कोई भी घटना दुर्घटना हो जाती तो क्या ये तीन पुलिसकर्मी चार कैदियो की सुरक्षा के लिये सक्षम थे? और कोई अनहोनी या कैदियो के भागने की स्थिति में कौन जवाबदार होता? कैदियो को साथ लेकर गए पुलिसकर्मियों से जब बिना अनुमति जेल नियमो का उल्लंघन कर जेल से बाहर लाने के सम्बंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने साहब के आदेश से लाने व उनसे ही बात कर लेने की बात कही।
वीडियो किसी तरह सेंट्रल जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा के पास भी पहुँचा। वीडियो मिलने के बाद आज जेल अधीक्षक तिग्गा शक्ति उपजेल का निरीक्षण करने पहुँचे। चर्चा में उन्होंने बताया कि ” वीडियो उन तक पहुँचा है, जिसके बाद हमने शक्ति उपजेल पहुँच कर पूछताछ की है। जिसमे कैदियो के बाहर निकलने की बात की पुष्टि हुई है, इस सम्बंध में जांच रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा।

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