रायगढ़। विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) जितेन्द्र जैन के अदालत ने रायगढ़ जिले की बहुचर्चित इंजिनियर सोनल जैन को एट्रोसिटी एक्ट के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया हैं। कोर्ट ने टी आई अशीष वासनिक पर गंभीर टिप्पणी की हैं और एस पी से उस पर वैधानिक कार्यवाही करने के लिए कहा हैं। सोनल जैन उस समय चर्चा में आयी थी जब उसने प्रकाश नायक के प्रतिनिधी व संरपंच पति अरुण शर्मा से पंगा लिया था। अरुण शर्मा ने अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उस पर फर्जी काम कराने दबाव डाला था जिसे करने से सोनल जैन ने इंकार कर दिया तो उसे सबक सिखाने व मुंह बंद करने कई प्रकार के हंथकंडे इस्तेमाल किये गये उनही में से एक यह मामला भी था। इसमें टी आई वासनिक से सांठगांठ कर 2019 में उसकी मेडसर्वेंट सुनिता निराला व्दारा जाति गत गाली गलौज व मारपीट की एफआईआर दर्ज करायी गयी। जिसमें आरोप लगा की सोनल जैन ने लोक स्थान में उसे अश्लील गाली देते हुये सत्रांस किया जिस पर भाद वि की धारा 294, 506 (B) व अनुसुचित जाति अधिनियम 1989 की धारा 3 (1) (5) 3 (1) (R) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था ।
पूरा मामला इस तरह हैं सोनलजैन एक निर्माण कार्य के निरीक्षण के लिये पिहरा गयी थी जहां उसने गांव के अंनतराम पटेल से एक मेडसर्वेट जो घरेलू काम काज के साथ बच्चे की देखरेख कर सकें का इंतजाम करने कहा। उनके कहने पर अंनतराम ने सुनिता निराला से मिलवा दिया। सोनल उसे अपने हिमालय हाईट के मकान में ले गयी जहां वह दो तीन दिन काम की उसके बाद सोनल जैन उसके साथ मारपीट करने के साथ जातिगत गालियां देने लगी। इसकी सूचना उसने अपने पिता को दी जो उसे वापस घर लेजाने आये लेकिन सोनल ने उसे पिता से मिलने नहीं दिया और घर का दरवाजा अंदर से बंद कर तीन चार झापड़ मारे व गालियां देकर पिता से मिलकर जल्दी वापस आने कहा। सुनिता के पिता ने उसे समान लेकर घर चलने कहा तो वह दुबारा घर में समान लेने गयी जहां फिर से मारपीट व गाली गलौज की गयी। गांव आने के बाद सोनल अपनी सफेद रंग की कार में गांव पहुंची ओर अनंतराम व उपसंरपंच गौतम मिरी की मौजूदगी में गाली गलौज की और 7दिन काम करने का पैसा भी नहीं दी। इसकी रिपोर्ट 3 नवंबर 2019 को थाने में दर्ज करायी थी जिसमें थाना प्रभारी अशीष वासनिक ने सोनल जैन को गिरफ्तार कर चालान विशेष मजिस्ट्रेट एस्ट्रोसिटी जितेंद्र जैन की अदालत में पेश किया। गवाहो व तथ्यो के परिक्षण के बाद सोनल जैन को भादवि की धारा 281, 313 में दोषमुक्त किया गया है। मजिस्ट्रेट ने अपने फैसले में TI अशीष वासनिक की भूमिका पर तल्ख टिप्पणी की हैं। यह पहला मामला हैं जब पुलिस पर अदालत में इस तरह का आरोप लगा हैं। मामले में उचित कार्यवाही करने की जिम्मेदारी आशीष वासनिक की थी लेकिन उसने राजनैतिक प्रभावशील पंचायत के निर्वाचित व्यक्ति व परिवार के सदस्य अरुण शर्मा, गौतम मिरी व अंनतराम के साथ मिलकर पद का दुरुपयोग किया व सोनल जैन पर अरुणशर्मा के विरुध्द की गयी शिकायत को वापस लेने दबाव डालने झूठी शिकायत पर एफआई आर दर्ज की। न्यायालय ने यह भी कहा है SP रायगढ़ आशीष वासनिक पर उचित विधिक कार्यवाही कर डी जी पी को उसकी कापी भेजें।
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