चिराईपानी स्कूल में मासूम छात्र की अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, चचेरी बहन ने की हत्या, क्यों की जानने के लिए पढ़े खबर

रायगढ़। चिराईपानी के सरकारी स्कूल में मासूम छात्र की लाश बरामद होने की गुत्थी सुलझ गई है। कातिल कोई और नहीं, बल्कि छात्र की बड़ी बहन ही निकली। घर से 10 हजार रुपए चोरी होने पर परिजन जब चोरनी समझने लगे तो प्रतिशोध की आग में झुलसने वाली युवती ने चचेरे भाई को ही सजा-ए-मौत दे दी।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चिराईपानी स्थित बन्द शासकीय स्कूल के कमरे में कक्षा आठवीं पढऩे वाले प्रीतम चौहान पिता स्व. हीरालाल (11 वर्ष) की खून से लथपथ लाश मिलने के हृदय विदारक घटना में पुलिस को काफी माथापच्ची के बाद आखिरकार सफलता मिल ही गई है। मामला भले ही पारिवारिक है, मगर मुल्जिम युवती ने जिस निर्दयता से अपने चचेरे भाई की गर्दन को पांव से दबाते हुए गुप्तीनुमा हथियार से प्रहार कर जान ली, वह बेहद शर्मनाक है। वर्दीधारियों की सख्त पूछताछ के आगे घुटने टेकने वाली युवती ने इकबाल-ए-जुर्म भी कर लिया है। मृतक के बड़े पिता की बेटी यानी बड़ी बहन भारती उर्फ उमा चौहान (19 वर्ष) की गतिविधियों पर पुलिस को तब आशंका हुई, जब कुछ लोगों ने प्रीतम के साथ उसे आखरी बार देखा था और घटना स्थल को सूंघते हुए पुलिस डॉग जब उसके पास जाकर ही ठिठक जाती। ऐसे में शक की बिनाह पर वर्दीधारियों ने भारती को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह खुद को पाक-साफ बताते हुए गोलमटोल जवाब देने लगी, पर सख्ती बरतने पर टूटकर उसने जो कुछ राज खोला उसने उसे ही हत्यारिन बना दिया। बकौल भारती, वह अपने चचेरे भाई के लहू से अपना हाथ रंगना नहीं चाहती थी, मगर परिस्थिति ने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल, प्रीतम के घर से पिछले महीने 10 हजार की चोरी हुई तो चाची और घरवाले भारती पर शक करते हुए उसे चोरनी समझते थे। चूंकि, भारती चोरनी के आरोप से मानसिक रूप से काफी परेशान थी इसलिए उसने अपने चाची व परिवार से बदला लेने की योजना बनाई। प्रीतम बुधवार शाम जब घर से खेलने के लिए निकला तो भारती उसे बहला फुसलाकर स्कूल ले गई और कमरे के भीतर खूनी वारदात को अंजाम दिया। स्कूल कमरे के अंदर भारती ने प्रीतम को जमीन में पटका और उसके गले को अपने पैरों से बलपूर्वक दबाए रखा। इतने में भी मन नहीं भरने पर तमतमाई भारती ने लोहे के गुप्तीनुमा हथियार से प्रीतम पर कातिलाना हमला कर उसे मौत की नींद सुलाने के बाद चुपचाप घर चली गई थी।
मासूम छात्र की नृशंस हत्याकांड का पर्दाफाश करने में पुलिस कप्तान सदानंद कुमार और एडिशनल एसपी संजय महादेवा के निर्देश तथा डीएसपी निकिता तिवारी के सुपरविजन में थाना प्रभारी गिरधारी साव, सहायक उपनिरीक्षक द्वय कुसुम कैवत्र्य, राजेन्द्र सिंह पटेल एवं स्टाफ की अहम भूमिका रही।

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