रायपुर। किलोल पत्रिका की खरीदी पर स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला घिरते हुए नजर आ रहे है। पत्रिका की खरीदी से संबंधित सभी जानकारी विधानसभा सचिवालय भेज दी गई है। माना जा रहा है की विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत मामले की जांच विधानसभा की कमेटी से करा सकते हैं।
इस मामले में अभी तक जो बाते सामने आ रहे है उसके अनुसार “किलोल” नामक बाल पत्रिका प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला निकालते है। वे इसके अवैतनिक संपादक भी है।
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में किलोल पत्रिका की खरीदी का मामला पीछले दिनों सदन में उठा था। अजय चंद्राकर के सवाल के जवाब पर सदन ऐसा गरमाया कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने मंत्री से इस पत्रिका के संबंध में पूरी जानकारी तलब कर ली। विधान सभा अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया है कि वो पत्रिका की खरीदी, स्कूलों में आजीवन सदस्यता बनाने के आदेश, सदस्यता राशि सहित तमाम बिंदुओं पर जानकारी देने के लिए कह दिया है।
शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे से अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि किलोल पत्रिका की स्कूल में खरीदी का आदेश किसने दिया और आजीवन सदस्यता को लेकर क्या निर्देश जारी किए गए है। जवाब में मंत्री ने बताया कि एमडी ने खरीदी का आदेश दिया है। पूर्व में भी सरकारें पत्र-पत्रिकाएं खरीदने के लिए आदेश देती रही है। ऐसे पत्र पत्रिकाओं की खरीदी के लिए समय समय पर आदेश जारी होते रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने मासिक बाल पत्रिका किलोल की खरीदी और अनिवार्यता को लेकर सवाल खड़े किए और कहा की मैं भी मंत्री रहा हूं, जांच करवा लीजिए, अगर मेरे समय में गड़बड़ी हुई होगी तो मैं भी जेल जाने के लिए तैयार हूं।
तब स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा था जांच की बात नहीं है, समय आने पर कौन कहां जायेगा ये बाद कि बात है। किलोल पत्रिका खरीदी के लिए निर्देश दिए गए हैं, अन्य पत्रिकाओं के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, कोई छुपाने की बात नहीं है। भाजपा सरकार के समय तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय से सम्बंधित पत्रिकाएं भी खरीदी जाती थी। तब
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा – किसी प्रकार की अनियमितता है तो जांच करा लीजिए। तब स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा- स्कूलों में इस तरह की पत्रिकाएं खरीदी ही जाती है, इसमें किस बात की जांच की जाये। जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने एक हफ्ते में इस मसले की पूरी जानकारी विभागीय मंत्री से तलब की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध करायी जाये। बताया जा रहा है मंत्रालय ने विधानसभा अध्यक्ष को पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। बताया जा रहा है कि किताब खरीदी स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला लपेटे में आ गए है। क्योंकि पत्रिका उन्हीं की है और सभी स्कूलों को विभाग के अधिकारियों ने ही खरीदी करने के निर्देश दिए थे और आजीवन सदस्य बनने के लिए खा गया था। बताया जा रहा है की आजीवन सदस्य बनाने के बदले हर स्कूल से मोटी रकम वसूली गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *