दुर्ग। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले के पांच शातिर अपराधियों संजय सिंह राजपूत, मोहम्मद शकीफ, विजय मेनन, तारकेश्वर और नियाज़ अहमद को जिला बदर कर दिया है। इनमे से कुछ अपराधियों के बिलासपुर में पनाह लेने की संभावना है। जिससे लोकसभा चुनाव में गुंडागर्दी की संभावना बढ़ गई है।
अपराधिक आचरण एवं प्रवृत्ति पर नियंत्रण किए जाने तथा आम जनता में अमन-चैन, कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत पांच लोगों पर जिलाबदर की कार्यवाही की गई है। जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार संजय सिंह राजपूत आत्मज वीरबहादुर सिंह राजपूत उम्र 40 वर्ष (लगभग) निवासी दीपक नगर दुर्ग, मोहम्मद शकीफ आत्मज मोहम्मद गुफरान उम्र 33 वर्ष निवासी एसीसी चौक के पास जामुल दुर्ग, विजय मेनन आत्मज बालकृष्ण मेनन उम्र 39 निवासी ब्लॉक नंबर 1 क्वार्टर नंबर 16 हाउसिंग बोर्ड भिलाई दुर्ग, तारकेश्वर आत्मज एल हीरालाल हरिजन उम्र 42 निवासी इंदिरा नगर सुपेला दुर्ग एवं नियाज़ अहमद आत्मज जलील अहमद उम्र 34 वर्ष (लगभग) निवासी अहमद नगर कैंप 2 भिलाई, दुर्ग को राजस्व जिला दुर्ग एवं उसके सीमावर्ती जिले रायपुर, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, बालोद एवं धमतरी जिलों की सीमाओं से आदेश पारित की तिथि से एक सप्ताह के भीतर हटने अथवा बाहर चले जाने कहा गया है। साथ ही पांचों बदमाशों संजय, मोहम्मद शकीफ, विजय, तारकेश्वर और नियाज़ को इस तिथि से एक वर्ष की अवधि तक उक्त जिलों की सीमाओं में जिला दण्डाधिकारी के बिना अनुमति के प्रवेश निषिद्ध होगा। ज्ञात हो कि बदमाश संजय, मोहम्मद शकीफ, विजय, तारकेश्वर और नियाज़ के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में आरोपी के विरूद्ध थाना दुर्ग में मार-पीट, लोगों को गंदी-गंदी गाली-गलौच कर जान से मारने की धमकी देना, मादक पदार्थों की अवैध बिक्री एवं सट्टा के संबंध में कई अपराध पंजीबद्ध है। पांचों आरोपियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई है, फिर भी उसके अपराध में कोई कमी नहीं आई है। आरोपियों को न्यायालय द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने पर भी उसके द्वारा कोई जवाब पेश नहीं किया गया है। पांचों आरोपियों के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही कर उनका पक्ष समर्थन का अवसर समाप्त किया गया है। प्रतिवेदन की विवेचना पश्चात् जिला दण्डाधिकारी सुश्री चौधरी ने क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु एकपक्षीय कार्यवाही कर आरोपियों के विरूद्ध जिलाबदर की कार्यवाही की गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार संजय बिहारी पहले छत्तीसगढ़ में शराब का ठेका लेता था। जब राज्य में शराब का ठेका बंद हुआ तो संजय बिहारी ने शराब को वापस ना करके उसे उतई थाना अंतर्गत मानिकचौरी गांव में छिपाकर रख दिया। उसने यहां गिट्टी खदान में एक बंकर बनाया था और उसके अंदर 40 लाख 81 हजार रुपए कीमत की 694 पेटी शराब छिपाकर रखी थी। वह उस शराब की अवैध बिक्री करना चाहता था, लेकिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर उसे जब्त कर लिया था। 9 अप्रैल 2017 को बंकर से लगभग 41 लाख की शराब जब्त होने के बाद संजय बिहारी फरार हो गया था। पुलिस जब उसे पकड़ नहीं पाई, तो उस पर 30 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। इस दौरान वो मध्य प्रदेश में शराब के कारोबार में अपने पैर जमा रहा था। दुर्ग पुलिस ने उसे विदिशा मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था। संजय बिहारी के साथ विनोद बिहारी भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहता है। बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ भी जिला बदर की कार्रवाई हो सकती है।
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