गैंगस्टर के लिए काम कर रहा था आरक्षक, SP ने किया बर्खास्त, विभाग की गोपनीय जानकारी भी किया साझा

बिलासपुर। बहुत से सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी नमक तो सरकार की खा रहे है लेकिन काम माफियाओं और गैंगस्टरों के लिए कर रहे है। ऐसे ही एक नमकहराम आरक्षक को SP रजनेश सिंह ने सस्पेंड कर दिया है। आरोपी आरक्षक ने विभाग की गोपनीय जानकारी भी गैंगस्टर को दिए है।

आपको बता दें पिछले दिनों थाना हिर्री क्षेत्र के रतनपुर बाईपास में ग्राम बेलमुण्डी के पास खूंखार अपराधियों को पुलिस ने पिस्टल, देशी कट्टा तथा धारदार चापड़ के साथ गिरफ्तार किया था। ये खूंखार अपराधि हथियार से लैस होकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जब्बार गौरी, इमरान कुरैशी, विनोद कुमार धृतलहरे, तरसेलाल भगत, अजमेरी, मो.फरमान, वाजीद कुरैशी, साकीब कुरैशी, नवील खान, दानिश कुरैशी को घेराबंदी करके पकड़ा था। गिरफ्तार जब्बार गौरी उत्तर प्रदेश का खतरनाक अपराधी है, जिसके विरूद्ध गैगस्टर एक्ट सहित अनेक गंभीर किस्म के अपराध पंजीबद्ध हैं। इमरान खान भी उत्तरप्रदेश का ही निवासी है। अपराधियों के द्वारा हथियार से लैस होकर रेड करने गई पुलिस की टीम को चुनौती देते हुए गोली मारने की धमकी देने का दुस्साहस भी किया था। गिरफ्तार किये गये आरोपियों के मोबाईल फोन में आर. 1187 बबलू बंजारे, थाना सिरगिट्टी के फोन से लगातार संपर्क में रहने के सबूत मिले है। जिससे आरक्षक की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हो गई और SP राजनेश सिंह ने उसे 12.05.2024 को निलंबित कर दिया था। अब जांच पूरी होने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया है।

आरक्षक की आपराधिक संलिप्तता की जांच पर आरक्षक बबलू बंजारे व्हाट्सएप चैट के माध्यम से इन गैंगस्टरों से लगातार संपर्क में था। करीबी मित्र की तरह व्हाट्सएप चैट कर रहा था। दुर्दान्त अपराधियों से घनिष्ठता, फोन एवं व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग की कई गोपनीय जानकारी भी उसने साझा किया है। इसके अलावा उसने गैंगस्टरों को बारकोड और पेमेंट की स्क्रीन शॉट वाट्सएप के माध्यम से भेजा है। जांच में ये सारे सबूत उसके वाट्सएप से मिले है। इसके पहले भी थाना सकरी के छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम में भी आरक्षक का नाम शामिल हुआ था। एक अन्य प्रकरण में आरक्षक महिला थाना बिलासपुर के द्वारा बलात्कार के प्रकरण में भी अभियोजित किया गया था। आरक्षक के विरूद्ध कदाचरण के लिये विभागीय जांच की कार्यवाही में भी आरक्षक ने फर्जी चिकित्सकीय दस्तावेज प्रस्तुत कर आरोपों को झुठलाने का कुत्सित प्रयास किया गया था। इस प्रकार आरक्षक पुलिस की नौकरी की आड़ में खतरनाक अपराधियों से सतत् संपर्क में रहकर उन्हें लगातार मदद करता रहा। आरक्षक के आपराधिक हौसले इतने बुलंद हैं कि पूर्व से ही उसकी आपराधिक संलिप्तता उजागर होने के बाद भी लगातार दुस्साहस कर रहा था। आरक्षक की इस प्रकार की आपराधिक प्रवृत्ति से जनमानस में पुलिस की छवि धूमिल हो रही थी। इसलिए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने extra ordinary & exemplary action लेते हुये भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खड (2) के परंतुक के उपखण्ड ‘‘ख’’ के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर आरक्षक क्र. 1187 बबलू बंजारे, रक्षित केन्द्र बिलासपुर को तत्काल प्रभाव से पुलिस विभाग की सेवा से बर्खास्त (Dismissed from service) कर दिया है। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने पुलिस की छवि को प्रभावित करने और वर्दी की आड़ में अनर्गल कार्यों में संलिप्त रहने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने सचेत किया गया है।

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