बलौदा बाजार के पूर्व कलेक्टर और एसपी सस्पेंड, समय पर उचित कार्रवाई नहीं करने का लगा आरोप

रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में गुरुवार देर रात पूर्व कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है। दो दिन पहले ही सरकार को हटाया था। शासन की ओर से जारी किए गए आदेश में समय रहते उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर निलंबन किए जाने की बात कही गई है।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में प्रशासनिक नाकामी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सख्त रुख सामने आया है। इस मामले में सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर आईएएस अफसर कुमार लाल चौहान और एसपी आईपीएस अफसर सदानंद कुमार को सस्पेंड कर दिया है। इस बारे में सरकार ने गुरुवार रात 11.30 बजे आदेश भी जारी कर दिया गया। घटना को लेकर मंगलवार को ही सरकार ने दोनों अधिकारियों को पद से हटाकर रायपुर बुला लिया था। चौहान की जगह आईएएस दीपक सोनी को कलेक्टर बनाया था। वहीं कुमार की जगह अंबिकापुर एसपी विजय अग्रवाल को कमान दे दी गई थी।
गुरुवार को अवर सचिव अन्वेष धृतलहरे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति की घटना को लेकर मिली शिकायतों पर कलेक्टर ने समय पर और उचित कार्यवाही नहीं की। इस वजह से चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई विचाराधीन है। इसलिए राज्य शासन ने चौहान व कुमार को निलंबित करने का फैसला किया है। जैतखाम क्षतिग्रस्त होने के मामले की जांच के लिए सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। सेवानृवित्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी छह बिंदुओं पर इस मामले की जांच करेंगे।
वहीं, एसआइटी ने भी हिंसा की जांच शुरू कर दी है। 21 सदस्यीय टीम ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच शुरू की। इसमें आठ एफआइआर की जांच के लिए तीन-तीन लोगों की टीम बनाई गई है। नेताओं की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर एक अलग टीम काम कर रही है, जो कि भीड़ को जमा करने के साथ ही भड़काऊ भाषण व अन्य संदिग्ध पोस्ट प्रसारित किए। एसआइटी ने नेताओं के काल डिटेल को भी जांच के दायरे में लिया है।

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