बलौदा बाजार हिंसा/आगजनी : मास्टर माइंड शिक्षक सस्पेंड, तीन दिन पहले चार लोग हुए थे गिरफ्तार

रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा और आगजनी मामले में तीन दिन पहले गिरफ्तार शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार पूरी घटना का मास्टर माइंड निलंबित शिक्षक ही है। उसे तीन दिन पहले 3 और लोगों के साथ गिरफ्तार कियाभ्या था।

10 जून को संयुक्त जिला कार्यालय में हुई हिंसा और आगजनी की घटना का अभियुक्त शिक्षक मोहन बंजारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मोहन बंजारे व्याख्याता (एल.बी.) के रूप में शा.उ.मा.वि गोड़ा विकासखण्ड पलारी में पदस्थ थे। उनके विरूद्ध सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में धारा 147, 148, 149, 294, 506, 186, 353, 332, 307, 435, 120बी, 427 भादवि, सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, 4 के अन्तर्गत जुर्म दर्ज है। 15 जुलाई 2024 को उसको तीन अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड में लिया गया था। निलंबन की कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (2) (क) के तहत किया गया है। निलंबन अवधि में आरोपी को केवल जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।

जानकारी के अनुसार कोमल संभाकर धमतरी, दिनेश कुमार बंजारे महासमुंद, विजय कुमार बंजारे महासमुन्द, मोहन लाल बंजारे महासमुन्द ने
संचालक के रूप में भड़काउ भाषण देने वालों को आमंत्रित किया था। पुलिस के अनुसार मोहन बंजारे ने संपूर्ण आंदोलन में मंच संचालक का काम किया था। धरना प्रदर्शन की रणनीति बनाकर एक आदतन साजिशकर्ता की भांति दीगर जिलों से लोगों को बलौदाबाजार धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उकसाया और भड़काते हुए अधिक से अधिक संख्या में आने के लिए तैयार किया था। जानकारी के मुताबिक 10 जून को बलौदाबाजार में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल लोगों ने आक्रोशित होकर पुलिस बल के साथ झूमाझपटी, पत्थर बाजी, मारपीट करते हुए संयुक्त कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ किया और आग के हवाले कर दिया था। परिसर में खड़े वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए दर्जनों दोपहिया और चारपहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया था। तोड़फोड़ व आगजनी करने वाले आरोपितों और उपद्रवी तत्वों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम बनाकर संभावित स्थलों में लगातार दबिश दी जा रही है। प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान वीडियो, फोटो, सीसीटीवी फुटेज व अन्य तकनीकी विश्लेषण के आधार पर की जा रही है। पुलिस ने धरना प्रदर्शन का आयोजन करने, संपूर्ण कार्यक्रम की रणनीति बनाने, पत्थरबाजी करने व तोड़फोड़ में शामिल आरोपितों का चिन्हांन कर उनकी गिरफ्तारी को प्राथमिकता के आधार पर लिया है।

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