खबर से बौखलाया कांग्रेस का विधायक : पत्रकार को दी जान से मारने की धमकी

बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उनके ऊपर हो रहे हमले और बेबुनियादी कार्यवाही को मुद्दा बनाकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भले ही विपक्ष में बैठी कांग्रेस सवाल खड़े करते हुए भाजपा सरकार के ऊपर दोषारोपण कर रही हो, लेकिन इसके विपरित कांग्रेस के ही विधायक द्वारा छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार को धमकाने का मामला सामने आया है। जान से मारने की धमकी देने के इस मामले में पत्रकार ने थाना के साथ ही पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की है।

दरअसल यह धमकी बलौदा बाजार में एनडीटीवी के पत्रकार दीपेंद्र शुक्ला को खबर लिखने के मामले में भाटापारा के कांग्रेस विधायक इंद्र साव द्वारा फोन कर दी गई है। जान से मारने की धमकी पर पत्रकार दीपेंद्र शुक्ला ने कोतवाली सहित पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए कार्यवाही करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि दीपेंद्र शुक्ला को विधायक के तरफ से 14 अगस्त को सुबह 08.09 बजे फोन किया गया, जिसमें पत्रकार द्वारा लिखी गई खबर पर विधायक द्वारा धमकाया गया है। दीपेंद्र शुक्ला ने एनडीटीवी में भाटापारा शहर थाना में विधायक इंद्र साव द्वारा किए गए प्रदर्शन पर एक खबर प्रकाशित किए थे। एक निजी जमीन के मामले को लेकर भाटापारा विधायक धरने पर बैठे तो ऐसे में जागरूक पत्रकारों सहित दीपेंद्र शुक्ला ने भी विधायक का ध्यान भाटापारा नगर की समस्या पर आकर्षित कराते हुए समाचार का प्रकाशन किया गया था। महत्वपूर्ण बात यह कि अन्य इसी बात से नाराज होकर कांग्रेस विधायक ने पत्रकार को मोबाइल नंबर 70007 80558 से पत्रकार के मोबाइल नंबर 7415341789 पर धमकी भरा फोन किया गया। जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं धमकी के बाद से बलौदा बाजार में निवासरत पत्रकार की पहचान करने के लिए पत्रकार के व्हाट्सएप की डीपी फोटो को निकालकर कुछ लोग सुबह 10 बजे पत्रकार के घर का पता तलाश करते हुए बलौदा बाजार में अन्य पत्रकारों से मिले। इस बात की जानकारी होने पर जहां पत्रकार दीपेंद्र शुक्ला ने एहतियात के तौर पर घटना की जानकारी दोपहर में पुलिस को दी। साथ ही बलौदा बाजार के अन्य पत्रकारों को भी घटना की जानकारी दी। इस बात की जानकारी पर अलर्ट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संघ बलौदा बाजार ने कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की, इस दौरान कार्रवाई करने की मांग करते हुए दीपेंद्र शुक्ला ने आवेदन दिया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों पत्रकारों के ऊपर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। सरगुजा से बस्तर तक के पत्रकार को प्रताड़ित किया जा रहा है। पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए लंबे समय से चली आ रही पत्रकारों की मांग की चर्चा एक बार फिर जोरों पर है। हालांकि इस दिशा में सरकार अब तक कोई खास कदम नहीं उठाई है। इधर बस्तर में फर्जी कार्रवाई के बाद अब बलौदा बाजार के पत्रकार को धमकी भरा फोन आने के बाद जिले के पत्रकार और संघ अलर्ट हो गए हैं।बता दें कि दीपेंद्र शुक्ला मूलतः छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र सरगुजा के रहने वाले हैं। जो विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता के व्यवसाय से जुड़कर जनता की आवाज बनते आ रहे हैं। सरगुजा, हैदराबाद, रायपुर, बिलासपुर में अलग अलग संस्थानों के लिए पत्रकारिता कर चुके हैं। इन दिनों वे बलौदा बाजार में एनडीटीवी के जिला प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी कई रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई है।स्वच्छ और मुखर छवि वाले पत्रकार दीपेंद्र शुक्ला को एक मुखर पत्रकार के रूप में जाना जाता है, जो अपनी लेखनी से जनहित से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने भाटापारा में जल भराव और साफ सफाई की व्यवस्था पर मुखरता के साथ खबर प्रकाशित की थी। साथ ही जब जन सरोकार और आम जन से जुड़ी समस्या को छोड़कर निर्वाचित प्रतिनिधि विधायक का लगाव निजी जमीन के विवाद के मामले में होता दिखाई दिया तो उन्होंने बेबाकी के साथ नगर की समस्या बताते हुए खबर लिखी। बताया जा रहा है कि इस खबर से विधायक और उनके चाहने वाले नाराज हैं, जिसके कारण ही पत्रकार को धमकी दी गई है। बता दें कि भाटापारा विधायक पूर्व में वार्ड पार्षद थे, जिन्हें कांग्रेस के नेताओं के अंतर कलह की वजह से कांग्रेस ने भाटापारा विधानसभा से खड़ी की, यहां सीधे मुकाबले में भाजपा के विधायक शिवरतन शर्मा को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा है कि इसके बाद से विधायक इंद्र साव किसी से भी सीधे मुंह बात नहीं करते। कुछ माह पहले भी इसी तरह से खबर को लेकर एक अन्य पत्रकार को भी वे झूठे मुकदमे में फंसा देने के लिए धमका चुके हैं। बहरहाल पुलिस अभी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह से धमकी दिए जाने की बात निकलकर सामने आई है उससे कहीं ना कहीं प्रशासन अलर्ट है, क्योंकि हाल ही में बलौदा बाजार में हुई आगजनी हिंसा मामले के तुल पकड़ने से प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

इधर घटना की जानकारी होने पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने पत्रकारों को चौथा स्तंभ बताते हुए उनके कामकाज को लेकर इस तरह से धमकी किए जाने के कृत्य की निंदा की है।

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