अक्षत अग्रवाल मर्डर केस : हिरासत में संदेही, कहा मृतक ने खुद को मारी गोली, पिस्टल और कारतूस भी साथ लेकर आया था

अंबिकापुर। स्टील कारोबारी अक्षत अग्रवाल की हत्या की गुत्थी सुलझने के बजाए उलझती जा रही है। पुलिस ने जिस संदेही संजीव मंडल को हिरासत में लिया है उसका दावा है कि अक्षत ने खुद ही अपनी हत्या की सुपारी दी थी। अक्षत खुद 3 पिस्टल लेकर पहुंचा था। खुद ही कारतूस लोड किया और सीने में पिस्टल सटाकर उसे चलाने कहा। इस बात के लिए उसने 50 हजार रुपए व सोने की चेन उसे दी थी। इसके बाद उसने कार के भीतर ही उसे 3 गोली मार दी और घर आ गया था। पहले गोली भी अक्षत ने ही खुद पर चलाई। इसके बाद आरोपी ने उस पर 2 गोलियां दागी।

आपको बता दें अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया के बेटे अक्षत अग्रवाल का शव गांधीनगर थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर कार में मिला था। अक्षत मंगलवार शाम से लापता था। पुलिस ने इस मामले में कंपनी के ही पूर्व कर्मचारी संजीव मंडल को गिरफ्तार किया है। संदेही संजीव का दावा है अक्षत अग्रवाल ने उसे कॉल किया और शाम को साईं कॉलेज के पास बुलाया। मुझसे कहा कि शराब पीकर मत आना और मोबाइल घर में छोड़ देना। शाम को मैं बाइक से बताई जगह पर पहुंच गया। थोड़ी देर में अक्षत आया और मुझे कार में बैठने के लिए कहा। मैंने अपनी बाइक वहीं छोड़ दी।
अक्षत ही 3 पिस्टल और 34 कारतूस लेकर आया था। उसने पिस्टल लोड करने के लिए मुझे दी, लेकिन मैं लोड नहीं कर सका। इसके बाद अक्षत ने खुद पिस्टल ले ली और उसमें 4 गोलियां भरीं। फिर मुझको दे दी। रास्ते में मैंने उससे पूछा कि किसे गोली मारनी है ? इस पर अक्षत ने कहा कि मुझे ही। इसके बाद अक्षत ने रास्ते में सुनसान जगह पर कार रोक दी। वहां हम दोनों में करीब 10 मिनट बात हुई। इस दौरान उसने खुद को गोली मारने के लिए कहा। मैंने पिस्टल उसकी ओर तानी लेकिन गोली नहीं चला पा रहा था। तभी अक्षत ने खुद से ही ट्रिगर दबा दिया। गोली उसके सीने में लगी। इसके बाद मैंने भी 2 फायर किए। एक गोली सीने और एक पेट में लगी।
‘गोली मारने के बाद मैं पैदल ही अपनी बाइक तक गया। इसके बाद बाइक लेकर घर पहुंचा, वहां कपड़े बदले। फिर पैसे और गहने रखकर शराब पीने के लिए चला गया। इन्हीं गहनों और रुपए में हत्या की सुपारी दी थी। अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया का बेटा अक्षत अग्रवाल मंगलवार शाम कार लेकर घर से निकला था। इसके बाद 6.30 बजे उसका मोबाइल बंद हो गया। देर रात तक उसका पता नहीं चलने पर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की सूचना दी थी।
पुलिस ने अक्षत के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की, तो वो डिगमा टावर रेंज में मिली। इसके बाद अंबिकापुर-बनारस मार्ग में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की गई। इसमें अक्षत की कार शाम करीब 6.30 बजे स्पॉट हुई। कार में अक्षत के साथ एक शख्स और दिखाई दिया।
पुलिस ने परिजनों को फुटेज दिखाया तो उन्होंने शख्स की पहचान उनकी फर्म में पहले काम कर चुके संजीव मंडल के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने बुधवार सुबह संजीव मंडल को उसके घर से पकड़ा और पूछताछ की। इसमें उसने अक्षत के मरने की जानकारी दी। साथ ही संजीव ही पुलिस को अक्षत की कार तक लेकर गया। कार चठिरमा गोशाला के पास जंगल में खड़ी थी। कार के अंदर अक्षत का खून से लथपथ शव सीट पर था। पुलिस ने कार का शीशा तोड़कर अक्षत के शव को बाहर निकाला।

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