करोड़ो की ठगी करने वाले शिशु रोगविशेषज्ञ डॉ खंडूजा गिरफ्तार, कई महीने से था फरार, कोलकाता में बैठा था छुपकर

रायपुर। भिलाई के नेहरू नगर में BSR अपोलो की शुरूआत करने वाले नामी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. एम के खंडूजा को दुर्ग पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। खंडूजा पर बीएसपी कर्मचारियों के अलावा कई डॉक्टरों, व्यापारियो से करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोप है।

दुर्ग पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. खंडूजा स्मृति नगर स्थित BSR अपोलो हॉस्पिटल के पूर्व संचालक, BSR स्कैन सेंटर भिलाई- दुर्ग- नागपुर के डायरेक्टर थे। वह नेहरू नगर में रहते थे। पिछले कुछ साल से वह शहर के लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करके फरार थे। सुपेला थाने की स्मृति नगर चौकी में उनके खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। विवेचना के दौरान पुलिस को सूचना मिली की डॉ. खंडूजा कोलकाता पश्चिम बंगाल में छिपकर रह रहा है। दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर उप निरीक्षक वरुण देव और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम को वहां भेजा गया। पुलिस की टीम ने कोलकाता जाकर शनिवार को डॉ. खंडूजा को गिरफ्तार किया और उसे लेकर भिलाई पहुंची। सुपेला थाने में पुलिस खंडूजा से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि खंडूजा ने कई करोड़ रुपए की ठगी है। जल्द ही इस मामले में खुलासा भी किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि डॉ. खंडूजा पहले बीएसपी में डॉक्टर थे। वहां उन्होंने अपनी अच्छी पकड़ बनाई फिर नौकरी छोड़कर पावर हाउस में एक छोटा सा क्लीनिक खोला। खंडूजा बीएसपी से सांठगांठ कर वहां से रिटायर होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची ली। इसके बाद उन लोगों से संपर्क किया। सभी से उन्होंने अपोलो बीएसआर में इनवेस्ट करने का ऑफर दिया और उनकी जीवनभर की कमाई  3-5 प्रतिशत ब्याज देने का लालच देकर लेता रहा। ऐसा करके उसने दुर्ग सहित रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव के बड़े ग्रुप संचालकों और डॉक्टरों से भी मोटी रकम इन्वेस्ट कराई। डॉ. खंडूजा पर बैंक का भी बहुत बड़ा कर्ज था। इसे चुकाने के लिए उसने लोगों को झांसा देकर उनसे पैसे लिए। इसके बाद उसने बैंक का कर्ज चुकाया और फिर पूरा अस्पताल हाईटेक के डायरेक्टर मनोज अग्रवाल और मित्तल के डायरेक्टर आशीष मित्तल और सुमन मित्तल को बेच दिया। यहां से मोटी रकम लेने के बाद उसने लोगों से लिए गए पैसे वापस नहीं किए और भिलाई से फरार हो गया। उसका बेटा रोहितास खंडूजा और पत्नी भी अपोलो के डायरेक्टर थे और वे अभी भी यहीं रह रहे हैं। उसने अपने साथ काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया।
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूरे फ्रॉड में बीएसपी प्रबंधन के कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत थी। वह उन लोगों का नाम पता डॉ. खंडूजा को देते थे, जो कुछ समय में रिटायर होने वाले होते थे। ऐसे में वह उनसे संपर्क करके उन्हें अधिक ब्याज का लालच देता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *