SECL के खदान में हादसा, सिर में पत्थर गिरने से दो श्रमिकों की मौत, प्रबंधन की लापरवाही उजागर

मनेन्द्रगढ़। SECL के खदान में बड़ा हादसा हो गया है। यहां खदान से पत्थर गिरने के कारण दो मजदूरों की मौत हो गई है। घटना के बाद से मजदूरों में दहशत का माहौल है। घटना खदानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा के प्रति प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है। घटना के बाद छत को सहारा देने के लिए इस्तेमाल किए गए रॉड और कैप्सूल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

SECL प्रबंधन सुरक्षा मानकों को लेकर बड़ी बड़ी बाते करता है और करोड़ों रूपए खर्च करता है। लेकिन आज SECL प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गई है। जब खदान के अंदर सिर पर पत्थर गिरने से दो श्रमिकों की मौत हो गई। यह घटना खदान के अंदर ड्रेसिंग के दौरान हुई है।हादसा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित राजनगर उपक्षेत्र के झिरिया अंडर ग्राउंड में हुआ है। कोयला खदान के अंदर ब्लास्टिंग के बाद ड्रेसिंग कार्य करते समय छत से पत्थर गिरने लगे। जिससे श्रमिक लखन लाल पिता स्वर्गीय चरकू और वॉल्टर तिर्की पिता लजरस तिर्की घायल हो गए। दोनों को सेंट्रल हॉस्पिटल मनेन्द्रगढ़ लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया है। घटना के बाद श्रमिकों में भय और आक्रोश का माहौल है। यही नहीं सुरक्षा को लेकर प्रबंधन की लापरवाही का आरोप लगा रहे। जिले के हसदेव क्षेत्र में एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की झिरिया अंडरग्राउंड खदान में हुई यह दुर्घटना न केवल श्रमिक सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करती है बल्कि खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी उठाती है। घटना के बाद छत को सपोर्ट देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रॉड और कैप्सूल की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि खदान में सुरक्षा मानकों को गंभीरता से लागू नहीं किया जा रहा है। श्रमिकों का कहना है कि छत को सपोर्ट देने के लिए प्रयुक्त उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस हादसे की तत्काल और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी प्रबंधन अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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