भाजपा प्रत्याशी की जाति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा – पिता और बहन सामान्य वर्ग से तो एल पद्मजा पिछड़ा वर्ग से कैसे ? आवेदन निरस्त करने की उठी मांग

बिलासपुर। नगर निगम का चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ में पहुंच गया है। कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी की जाती को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। भाजपा प्रत्याशी ने जो जाति प्रमाणपत्र आवेदन के साथ लगाया है उसकी वैधता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। कांग्रेस के इस आरोप के बाद भाजपा खेमें में हड़कंप मच गया है।

कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक का दावा है कि भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा का पिछड़ा वर्ग का प्रमाणपत्र गलत तरीके से हासिल किया गया है। वे तेलंगाना की मूल निवासी हैं और उनकी जाति प्रमाणपत्र की वैधता संदिग्ध है। पत्रकार वार्ता कर कोटा विधायक श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा का जन्म तेलंगाना में हुआ है उनके पिता एल नारायण राव बिलासपुर रेलवे में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे। एल पद्मजा छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग की पात्रता नहीं रखती है एल पदमजा सामान्य जाति से आती है। उनकी बहन नीरजा सिन्हा सामान्य वर्ग में आती है। जबकि पिता एल नारायण राव समान वर्ग की पात्रता रखते हैं। अटल श्रीवास्तव ने बताया कि एल पदमजा वास्तव में पिछड़ी जाति की है ही नहीं, उनके पास छत्तीसगढ़ राज्य के जिला कलेक्टर से जारी पिछड़ी जाति का वैधानिक प्रमाण पत्र भी नहीं है। हमारी तरफ से मेयर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने एल पद्मजा की जाति को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने शिकायत दर्ज कराया है और उनकी जाति संबंधी जानकारी मांगा है। कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी से एल पद्मजा के नामांकन की जांच करने की मांग की है और जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर नामांकन निरस्त करने की मांग की है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक ने उच्च अधिकारियों के सामने शिकायत दर्ज कराई है। उचित कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण लेने का ऐलान कर दिया है। विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा है कि बहुत जल्द प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज कराने का आवेदन दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि समाज के पिछड़े वर्गों में भी आक्रोश पैदा कर सकता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस विवाद का हल निकाले और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए।

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