बिलासपुर। एग्रीस्टेक योजना के तहत किसानों के पंजीयन को लेकर कृषि और राजस्व विभाग आमने सामने हो गए है। इसका मुख्य कारण कलेक्टर द्वारा विभाग के 4 SDO को नोटिस जारी करना है। कृषि विभाग के मैदानी अमले का कहना है कि पंजीयन के लिए नोडल राजस्व विभाग है। किसानों से संबंधित दस्तावेज भी या राजस्व विभाग के पास है या फिर सोसायटियों में है। कृषि विभाग के पास तो कुछ है ही नहीं तो पंजीयन कैसे करेंगे ?
कलेक्टर ने एग्रीस्टेक योजना के तहत किसान पंजीयन की प्रगति की समीक्षा की है। पंजीयन कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को फटकारा भी है। कृषि विभाग के अधिकारी इसे राजस्व विभाग का काम समझकर इसके प्रति उपेक्षा भाव रखे हुए हैं। कलेक्टर ने जिले के सभी चारों विकासखण्ड के एसएडीओ को शो कॉज नोटिस जारी किया है और 3 दिन के अंदर जवाब पेश करने के लिए कहा है। उन्होंने प्रति आरएईओ को प्रति दिन 100 किसानों के पंजीयन का लक्ष्य देते हुए 25 मार्च तक जिले का सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए है। जिन एसएडीओ को नोटिस जारी किया गया है उनमें बिल्हा एसएडीओ आरएस गौतम, तखतपुर एसएडीओ एके सत्यपाल, मस्तुरी एसएडीओ एके आहिरे एवं कोटा एसएडीओ रामावतार साहू शामिल हैं। तीन दिन के अंदर अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है। बताया जा रहा है कि किसान पंजीयन के लिए नोडल राजस्व विभाग को बनाया गया है। किसानों से संबंधित सारी जानकारी या तो राजस्व विभाग के पास है या फिर सहकारी समिति में है जहां किसान धान बेचते है। लेकिन ये दोनों विभाग पंजीयन में रुचि नहीं ले रहे है।
00 क्या है एग्रीस्टैक योजना ?
एग्रीस्टैक भारत सरकार द्वारा विकसित की जा रही एक क्रांतिकारी पहल है, जो भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक समग्र डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के व्यक्तिगत डेटा को डिजिटल रूप से एकत्रित करना और इसे विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं से जोड़ना है। ताकि किसान अपने फसलों, जमीन और कृषि तकनीकों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को एक ही स्थान पर देख सकें। यह प्रणाली कृषि के लिए विभिन्न डिजिटल सेवाओं के माध्यम से किसानों की मदद करती है, जिसमें बेहतर खेती, सरकारी योजनाओं का लाभ और मृदा स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी शामिल है। एग्री स्टैक का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर सेवाएं और संसाधन प्रदान करना है। इसके तहत निम्नलिखित सुविधाओं को आसान और सुलभ बनाया जाएगा:
सस्ता ऋण: किसानों को उनकी जरूरतों के अनुसार कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना।
उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट: बीज, खाद, और अन्य कृषि सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
विशिष्ट और स्थानीय सलाह: किसानों को उनके क्षेत्र और फसलों के अनुसार सही तकनीकी और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करना।
बाजार तक आसान पहुंच: किसानों को उनके उत्पाद के लिए उचित बाजार और मूल्य जानकारी देना।
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