बेलसरी में जन्मे आनंद पांडे UNO में बढ़ा रहे छत्तीसगढ़ का मान, मिला अप्रवासी भारतीय सम्मान, कहा – भारत की साख अभी दुनिया में जबरदस्त

बिलासपुर। यह छत्तीसगढ़ और बिलासपुर के लिए गौरव का विषय है कि तखतपुर के एक छोटे से गांव बेलसरी में जन्मे आनंद पांडे को छत्तीसगढ़ सरकार ने अप्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा है। आनंद पांडे संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय न्यूयार्क में चीफ फाइनेंस ऑफिसर के पद पर पदस्थ हैं और छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति के प्रचार – प्रसार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है अभी दुनिया में भारत की जबरदस्त साख है। UNO के अंदर किसी भी विषय को लेकर वोटिंग होती है तो भारत के पक्ष में भरपूर वोट पड़ते है।

छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग की ओर से राज्योत्सव पर जिन विभूतियों का सम्मान किया गया है, उनमें आनंद पांडे भी शामिल हैं। उन्हे छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान दिया गया है। यह सम्मान देश के बाहर अप्रवासी भारतीय की ओर से सामाजिक कल्याण, साहित्य, मानव संसाधन, निकाय अथवा आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है। राजधानी रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में देश के उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड़ के हाथों उन्हे यह सम्मान प्रदान किया गया है। आनंद कुमार पाण्डे का जन्म तखतपुर के बेलसरी गांव में 19 सितंबर 1977 को हुआ । उनके पिता दुर्गा प्रसाद पांडे ने बाल्को के महाप्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। 47 वर्षीय आनंद पांडे वर्तमान में न्यूयार्क के किस्सेना बीएलबीडी में रहते हैं। वे संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय न्यूयार्क में मुख्य इकाई 4, एफएआरएस, वित्त प्रभाग, प्रबंधन विभाग, नीति और अनुपालन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होने वैश्विक प्रतिस्पर्धा में तीसरी रैंक के साथ अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। वे अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा आयोग, कानूनी मामलों के कार्यालय, आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग, संयुक्त राष्ट्र संयुक्त कर्मचारी पेंशन फंड, वित्तीय नीति और आंतरिक नियंत्रण, ट्रेजरी, वित्तीय विश्लेषण और रिपोर्टिंग अनुभाग में कार्यरत हैं। आनंद पांडे ने वर्ष 2007 में यूएनडीपी मानव विकास पुरस्कार जीतने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होने महासचिव संयुक्त राष्ट्र और सीएनएन के साथ कार्यक्रम का समन्वय किया। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय संस्कृति और अनुभव को बढ़ावा देने के लिए सोसायटी के नाम से जाने जाने वाले भारतीय क्लब का गठन किया। संयुक्त राष्ट्र में छत्तीसगढ़ राज्य और समृद्ध संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदर्शनी का आयोजन भी किया।संयोग है कि आनंद पांडे इन दिनों दीपावली मनाने के लिए अवकाश पर बिलासपुर आए हुए हैं। उन्होने मंगला चौक 36 मॉल के करीब अपने माता – पिता, परिवार और मित्रों के साथ त्यौहार मनाया । इसी दौरान छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण अलंकरण के लिए उनके चयन की खुशख़बरी मिली। मिलनसार, हंसमुख और सहयोगी स्वभाव के धनी आनंद पांडे बहुत सहज और सरल हैं। यूएनओ जैसी संस्था में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए भी वे अपने गांव और आसपास के लोगों के साथ काफ़ी सहजता- सरलता और आत्मीयता के साथ मिलते हैं। छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान के लिए उनके चयन पर परिजन और मित्रों ने खुशी ज़ाहिर की है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री पांडेय ने कहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति और कला की उपस्थिति नगण्य थी। अभी प्रदेश के पंथी नृत्य, पंडवानी, भरथरी और कई आदिवासी नृत्य विधाओं को मंच पर लाने का प्रयास हो रहा है। उम्मीद है जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि UNO में सर्विस करने के लिए युवाओं को उनके वेबसाइट पर हमेशा सर्च करते रहना होगा। UNO हमेशा वेकेंसी निकालती है। उसमें एप्लाई करने के बाद एक टेस्ट देना पड़ता है। एक सवाल के जवाब में श्री पांडेय ने कहा UNO का मुख्य कम दुनिया में शांति और सुरक्षा को स्थापित करना है। इसके लिए संस्था हमेशा काम करती है। अभी पिछले  कुछ सालों से दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। UNO के अंदर कोई कार्यक्रम होते है या वोटिंग होती है तो भारत को भरपूर साथ मिलता है।

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