हाईकोर्ट में फायर फाइटिंग सिस्टम का मेंटेनेंस ठेका : दो बार टेंडर निरस्त, संदेह के दायरे में PWD के अधिकारी

बिलासपुर। हाईकोर्ट में फायर फाइटिंग सिस्टम के रखरखाव के लिए निकाले गए टेंडर को बार बार निरस्त करने से PWD के अधिकारी संदेह के दायरे में आ गए है। उनके ऊपर किसी खास फर्म को फायदा दिलाने का आरोप लग रहा है। क्योंकि टेंडर में ऐसी शर्ते जोड़ दी गई है जिससे सालों से काम कर रहे ठेकेदार को ही ठेका मिलेगा। यही नहीं पुराने ठेकों के भुगतान में भी भारी गड़बड़ी है।

पूरे प्रदेश को न्याय दिलाने वाले हाईकोर्ट में निर्माण और मेंटेनेंस को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है। दरअसल हाईकोर्ट में कई तरह के कम है जिसको PWD के संभाग क्रमांग दो के द्वारा कराया जाता है। इसके लिए टेंडर निकालकर ठेकेदारों से आवेदन आमंत्रित किया जाता है। ताजा मामला हाईकोर्ट परिसर में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम के रखरखाव का है। इस काम के लिए इस साल लगभग डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का टेंडर होना है। इसके लिए दो बार टेंडर निकाला जा चुका है, कई ठेकेदारों ने इसमें हिस्सा भी लिया और आवेदन भी दिया। लेकिन किसी न किसी बहाने से टेंडर निरस्त कर दिया जा रहा है। इसको लेकर ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया है। अधीक्षण यंत्री की शिकायत करते हुए चाहते किसी खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। ठेकेदारों का कहना है कि टेंडर में कुछ ऐसी शर्ते जोड़ दी गई है जिससे नए ठेकेदारों को काम का अवसर ही नहीं मिलेगा। जबकि निविदा बिना शर्तों के निकाली जानी चाहिए। ठेकेदारों का आरोप है कि हम अपनी आँखों से देख रहे है कि अधीक्षण अभियंता के चेम्बर में बैठकर अधिकारी अपने चहते ठेकेदार समीर पाण्डेय (फर्म राजीव पाण्डेय) के अनुसार अपने अधीनस्थ अधिकारी उपअभियंता, सहायक अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता पर दबाव बनाकर खास शर्तें जोड़ी गई है। इसके अलावा निविदा लगातार 10 वर्षों से एक ही फर्म को द्वितीय आमंत्रण कर दे दी जाती है। जिससे विभाग की छवि पर संदेह पैदा हो रहा है। यदि किसी के पास अनुभव है तो उसे टेंडर की प्रक्रिया में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। उच्च न्यायालय एक अत्यंत महत्वपूर्ण भवन का हवाला देकर एक ही अनुबंधकर्ता को विगत 10 वर्षों से कार्य करने क्यूं दिया जा रहा हैं और यहां का कार्य हमेशा विवादित रहता है।

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