आखिर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव पर क्यों न हो संदेह ? पढ़े खबर… सबूत के साथ…

बिलासपुर। बंगलाभाठा में चर्च के उद्घाटन को लेकर कोटा विधायक लगातार हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर है। इस मामले में क्षेत्रीय विधायक घिरते नजर आ रहे है। लेकिन कही न कहीं हिन्दू संगठनों का आरोप सही साबित हो रहा है। क्योंकि उन्होंने अपने विधायक निधि से राशि जारी की है। ऊपर से भगवाधारी गुंडे बोल के माहौल को और भड़का दिया है।

रतनपुर के बंगलाभाठा में चर्च के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद शुरू हुआ विवाद थमने के बजाए बढ़ता नजर आ रहा है। अब तो कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के ‘भगवाधारी गुंडे’ वाले बयान पर अखिल भारतीय संत समिति और हिंदूवादी संगठनों ने भी मोर्चा संभाल दिया है। इन संगठनों ने विधायक से सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा है। माफी नहीं मांगने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इस मामले को लेकर रतनपुर के आसपास के कई गांव में तनाव बढ़ गया है। साथ ही राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरमा गया है। दरअसल पूरी गलती कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की ही है। क्योंकि पहले वे कहते रहे कि भवन विधायक निधि से नहीं बना है और सामाजिक कलेक्शन के पैसे से बना है। जबकि वास्तविकता ये है अटल श्रीवास्तव ने अपने विधायक निधि से पैसा जारी किया है। हालांकि अतिरिक्त कक्ष के नाम पर ही 3 लाख रूपए की छोटी राशि ही क्यों न हो। इसी तरह सड़क बनाने के लिए भी 1 लाख रुपए दिए है। इस मामले में झूठ बोल के अटल श्रीवास्तव अपनी विश्वसनीयता को भी खतरे में डाल दिया है। क्योंकि हिंदूवादी संगठनों ने उनके द्वारा स्वीकृत राशि के दस्तावेज सोसल मीडिया में सार्वजनिक कर रहे है। यदि सामुदायिक भवन निर्माण के लिए विधायक निधि से राशि दी गई है तो चर्च कैसे हो गया ? क्या उन्हें आमंत्रण देने वालों ने नहीं बताया था कि वो किसका लोकार्पण करने वाले है ? जबकि आयोजकों ने जो पंपलेट बांटे है उसमें साफ लिखा है कि प्रार्थना घर का उद्घाटन है। आयोजकों के सारे सदस्य मसीही समाज से जुड़े हुए है, उसमें एक भी नाम आदिवासी समाज के किसी मुखिया का नहीं है। ऐसे में क्षेत्रीय विधायक अटल पर उंगली उठना स्वाभाविक है। यही नहीं उनकी ये गतिविधि साफ संकेत दे रही है वे प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्र में मतांतरण को बढ़ावा दे रहे है। यदि हिंदूवादी संगठन इसका विरोध कर रही है तो इसमें गलत क्या है ? क्योंकि मसीही समाज ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार कर सकते है तो हिंदुत्वादी संगठन भी अपना धर्म बचाने के लिए आगे आएंगे। इस टकराव से जो क्षेत्र में तनाव पैदा होगा उसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन होगा ?

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