बिलासपुर। प्रदेश के 14 स्वास्थ्य संस्थाओं को गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण मिल है। इसमें बिलासपुर – रायपुर जिले का एक भी संस्थान शामिल नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने अक्टूबर व नवंबर में अस्पताल का मूल्यांकन किया था।
उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया है। इनमें 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र, 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अक्टूबर व नवंबर माह में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महासमुंद ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र भदरसी को 91.29% , बड़े टेमरी को 90.27%, झलप को 91.93% व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा को 88.89% के साथ सूरजपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र नवापाराकला को 76.09%, धरमपुर को 87.75% व कांकेर जिले आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र मुसरपट्टा को 94.2%,पीवी89 को 85.58%, कोदागांव को 93.36%, माकरीखुना को 81.54 व बलौदाबाजार ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद् ठेलकी को 86.83%, रायगढ़ जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र छर्राटानगर को 82.39%, बस्तर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र जमावड़ा को 88.99% व रायपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी को 88.15% अंक प्राप्त हुए हैं।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व विगत माह भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया गया। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। आपको बता दे ये प्रमाण पत्र प्रदेश के उन संस्थानों को दिया गया है को राजधानी से काफी दूर है जहां मंत्रालय स्तर के अधिकारी या मंत्री कभी नहीं जाते। जबकि प्रदेश की राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जिलों के एक भी संस्थान को यह प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया। जबकि राजधानी रायपुर में पूरी सरकार बैठती और बिलासपु जिला जहां नियमित बड़े अधिकारियों और नेताओं का आना जाना लगा रहता है वहां की किसी भी संस्थान को यह प्रमाण पत्र नहीं मिला है। जबकि सरकार यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं पर सबसे खर्च करती है और सबसे ज्यादा ध्यान भी देती है।
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