बिलासपुर। संभाग आयुक्त बिलासपुर ने दो लोगों को तीन तीन महीने के लिए जेल भेज दिया है। दोनो पर लगातार अपराध में संलिप्त होने का आरोप था और जिले के पुलिस अधीक्षकों ने उनके समक्ष इस्तगासा पेश किया था। जिन लोगों को जेल भेजा गया है उनमें थाना कोटा के रमेश दुबे पिता जमुना प्रसाद दुबे और सक्ति जिला के थाना बराद्वार निवासी चूड़ामणि साहू शामिल है। दोनों को पिट एनडीपीएस के तहत जेल भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार दोनों के विरुद्ध संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने कमिश्नर के सामने इस्तगासा पेश किया था। जिसमें पुलिस अधीक्षक सक्ती ने चूड़ामणि साहू के विरुद्ध 2020 में 20.5 किलो गांजा पकड़ने के प्रकरण में दोषसिद्धि पाए जाने के बाद अपील की थी कि भविष्य में और इस तरह की घटना को रोकने के लिए और समाज पर बुरा प्रभाव न पड़े इसके लिए पिट एनडीपीएस के तहत कार्रवाई जरूरी है। प्रस्ताव पर आयुक्त बिलासपुर ने सुनवाई उपरांत धारा 10 के तहत 3 माह के लिए जेल भेजने कार्रवाई की गई है। इसी तरह पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने रमेश दुबे के विरुद्ध इस्तगासा में उनके विरुद्ध अपराध क्रमांक 317/2019 में 0.260 किलो गांजा, अपराध क्रमांक 513/2019 में 1.2 किलो गांजा, अपराध क्रमांक 247/2021 में 0.50 किलो गांजा पकड़ने का अपराध विचाराधीन होने के बाद भविष्य में अपराध रोकने तथा समाज में पढ़ने वाले बुरे प्रभाव रोकने के लिए प्रस्ताव आयुक्त के समक्ष पेश किया था। संभागायुक्त बिलासपुर ने सुनवाई उपरांत रमेश दुबे को 3 माह के लिए जेल भेज दिया है।
00 क्या है पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट
पीआईटी का मतलब है प्रिवेंटिव डिटेंशन. इसे NDPS एक्ट (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेस एक्ट) के साथ जोड़कर गंभीर अपराधों, खासकर नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को हिरासत में लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्यों किया जाता है?
* जन स्वास्थ्य के लिए खतरा : अगर कोई व्यक्ति नशे के कारोबार में शामिल है, तो उसे समाज और जन स्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाता है।
* अन्य अपराधों से जुड़ाव : नशे का कारोबार अक्सर अन्य अपराधों से जुड़ा होता है, जैसे हथियारों का व्यापार, हत्या आदि।
* पुनरावृत्ति रोकना : अगर किसी व्यक्ति को पहले भी नशे के कारोबार में पकड़ा गया है, तो उसे फिर से ऐसा करने से रोकने के लिए पीआईटी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
00 कैसे काम करता है ?
* हिरासत : अगर कोई व्यक्ति नशे के कारोबार में शामिल पाया जाता है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और कुछ समय के लिए हिरासत में रखा जा सकता है।
* न्यायिक समीक्षा : हिरासत के दौरान, व्यक्ति को न्यायिक समीक्षा का अधिकार होता है, यानी वह अदालत में जाकर हिरासत के आदेश को चुनौती दे सकता है।
00 महत्वपूर्ण बातें :
* पीआईटी एक कठोर कानूनी प्रक्रिया है।
* इसका इस्तेमाल केवल गंभीर मामलों में किया जाता है।
* हिरासत में लिए गए व्यक्ति के पास अपने अधिकारों का बचाव करने के लिए वकील रखने का अधिकार होता है।
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