खेत में हो रही है अवैध प्लाटिंग, लगे हाथ सरकारी जमीन को भी चेंप रहे भूमाफिया, अधिकारी नजराना पाकर खुश, जाने कहां का है मामला ?

गरियाबंद। जिले के छुरा में इन दिनों भू माफियाओं और जमीन दलाल चांदी काट रहे है। खेतों में रातों रात प्लाटिंग हो रही है और भूमाफिया व अधिकारी माल बतौर रहे है। भूमाफियों से नजराना पाते ही अधिकारी आंख बंद कर ले रहे है। पूरे क्षेत्र में खेतों की हरियाली उजड़ चुकी है और उसकी जगह अवैध कॉलोनियों की पक्की साजिशें उग आई हैं। कोसमबुढ़ा, छोटे छुरा, लोहझर, तुमगांव, खरखरा इन सभी इलाकों में खुलेआम खेतों में प्लाट काटकर कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। इसके लिए भूमाफिया न तो किसी अनुमति ले रहे है और न ले-आउट कराया जा रहा है। यही नहीं जमीन का डायवर्शन तक नहीं करा रहे है। भूमोफिया खुलेआम प्लॉट बेच रहे हैं, धड़ाधड़ रजिस्ट्री हो रही है। जमीन दलाल रातों रात गाड़ी-बंगला खड़ा कर रहे हैं। अवैध प्लाटिंग का ये धंधा कोई रातोंरात नहीं पनपा है अधिकारियों की शह पर महीनों से चल रहा है।क्षेत्र के रहवासी बता रहे है कि बिना किसी तकनीकी जांच और ऑन-ग्राउंड वेरिफिकेशन के पटवारी और तहसील स्तर पर ज़मीन की रजिस्ट्री कराई जा रही है। खेती की भूमि को रिहायशी दिखाकर करोड़ों का खेल खेला जा रहा है।
छुरा का एक बड़ा कारोबारी तो और भी आगे निकल गया है। आरोप लगाया जा रहा है हैं कि उसने न सिर्फ बड़ी मात्रा में अवैध प्लॉटिंग की है, बल्कि जंगल से सटी शासकीय ज़मीन को भी कब्जे में लेकर बाउंड्रीवाल बना लिया है। इसका सीधा असर ग्रामीणों पर पड़ा है। उन्हें ना तो मवेशियों को चराने के लिए जगह मिल रही और ना ही लकड़ी लाने का रास्ता मिल रहा है।
00 सौदा कमल विहार के नाम पर जमीन दे रहे है छुरा में : इंडियन गैस गोदाम के पास हाल ही में रजिस्ट्री हुई ज़मीन की कीमत 2500 से 3000 रुपये प्रति वर्गफीट तक पहुंच गई है। यह कीमत राजधानी रायपुर की कमल विहार कॉलोनी की दरों को टक्कर देती है। ये वही ज़मीन है जिसे कुछ महीनों पहले मात्र 8 से 10 लाख में खरीदा गया था। मोटा मुनाफा रसूखदारों की जेब में का रहा है और फंसा आम आदमी रजिस्ट्री कराके फंस रहे है।

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